अलवर (मनीष अरोड़ा): अपने अलग ही पुलिसिया अंदाज के लिए जाने वाले रियल सिंघम विकास कुमार फिर एक बड़े अपराधी को गिरफ्त में लेकर इन दिनों चर्चाओं में है। अलवर में पुलिस अधीक्षक रहे विकास कुमार अपनी अनूठी कार्यशैली के लिए हमेशा चर्चाओं में रहते हैं। मशहूर अभिनेता राजकुमार की एक पुरानी फिल्म तीसरी कसम की तर्ज़ पर इस नशे माफिया की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिसको उन्होंने एक फिल्मी अंदाज में बड़ी होशियारी से गिरफ्तार किया। मशहूर फिल्म अभिनेता राज कपूर की एक फिल्म तीसरी कसम की तरह ही इस नशा माफिया ने तीन से चार बार इस बुरे काम को छोड़ने का प्रयास किया लेकिन इस दलदल से नहीं निकल पाया और अंत में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि जोधपुर रेंज के मादक पदार्थों के अवैध धंधे से सामान्य नागरिकों को नशे के आगोश में धकेलने वाले शातिर बदमाशों के खिलाफ साइक्लोनर टीम की कार्यावाही लगातार जारी है। टीम ने 3,0000 रुपये के इनामी और पिछले तीन वर्ष से फरार चल रहे आरोपी जगदीश को गिरफ्तार किया है। अपने अलवर के कार्यकाल के दौरान विकास कुमार ने अपराधियों की नाक में नकेल डाल रखी थी, जो कि आज भी जिले में यादगार कार्यकाल माना जाता है। यहां उल्लेखनीय है कि जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार अलवर में सन् 2009-10 में पुलिस अधीक्षक के पद पर रहे, जिनके कार्यकाल को आज भी अलवर में सराहा जाता है। राजस्थान पुलिस के स्लोगन "अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास" की बात को अलवर में पुलिस अधीक्षक कार्यकाल के दौरान तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने साक्षात धरातल पर साबित करके दिखाया और अब फिर एक बार उनकी अनूठी कार्यशैली सुर्खियों में बनी हुई है।
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