दरगाह के कारण ही नहीं बल्कि पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर और जैन धर्म से भी गहरा जुड़ाव

AYUSH ANTIMA
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अजमेर: दरगाह दीवान और आध्यात्मिक प्रमुख सैयद जैनुअल आबेदीन अली खां ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अजमेर को राष्ट्रीय स्तर पर जैन तीर्थस्थल घोषित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अजमेर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व सिर्फ ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के कारण ही नहीं बल्कि पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर और जैन धर्म से भी गहरा जुड़ाव है।
आचार्य 108 विद्यासागरजी महाराज की पुण्यतिथि पर 6 फरवरी को देशभर में जैन समाज द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। अजमेर, देश भर के जैन समाज के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र होने के साथ-साथ आचार्य श्री की जन्मस्थली के रूप में प्रतिष्ठित है। आचार्य श्री का अजमेर से विशेष संबंध रहा है, जहां से उन्होंने अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत की थी और इसी भूमि पर उन्हें दीक्षा मिली थी।
दीवान ने अपने पत्र में कहा कि अजमेर को जैन तीर्थस्थल के रूप में राष्ट्रीय दर्जा देना न केवल आचार्य श्री के प्रति सम्मान का प्रतीक होगा, बल्कि भारत की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को और अधिक प्रतिष्ठित करेगा। इस निर्णय से न केवल जैन समाज को लाभ होगा, बल्कि यह अन्य धर्मों और समुदायों के बीच धार्मिक सौहार्द और सांप्रदायिक सद्भाव को भी बढ़ावा देगा।

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