कुत्तों के लिए घर, गौवंश घूम रहा बेघर

AYUSH ANTIMA
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सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों के प्रति संवेदनशीलता का प्रदर्शन करते हुए अपने एक निर्णय में दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि सड़क पर एक भी आवारा कुता नहीं दिखना चाहिए। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में तुरंत आवारा कुत्तों को पकड़ कर शेल्टर होम में शिफ्ट करने के आदेश दिए। माननीय कोर्ट ने दिल्ली सरकार को एमसीडी, एनएमसीडी को 8 हफ्ते में 5000 कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाने का बुनियादी ढांचा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इन आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज की बीमारी के चलते लोग मौत का शिकार हो रहे हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट की कुत्तों के प्रति व आमजन की जान के प्रति संवेदनशीलता की तारीफ करनी होगी। विदित हो सनातन धर्म की पूज्य गौवंश बेसहारा गलियों में कूड़ा करकट खाने को मजबूर है। यदि गृह जिले झुनझुनू की बात करें तो इन बेसहारा गौवंश की चपेट में आने से अनगिनत लोग अपनी जान गंवा चुके हैं व अपाहिज होकर चारपाई पर पड़े है। अनगिनत गौशालाएं व गौसेवक होने के बावजूद सनातन धर्म की यह पताका सड़कों पर घूम रही है। स्थानीय गौशाला प्रबंधक करोड़ों रूपये की एफडी बनाकर खुद को गौसेवक होने का तमगा लगाए घूम रहे हैं। गौशालाएं एक तरह से गौवंश के लिए सेल्टर होम के समान इनको राज्य सरकार के अनुदान के रूप में आर्थिक सहायता मिलने के साथ ही शेखावाटी के भामाशाहों द्वारा उदारमना से भरपूर आर्थिक सहयोग दिया जाता है। जिले की बहुत सी गोशालाओ पर एक ही परिवार का एकाधिकार है व आज तक आम चुनाव के जरिये पदाधिकारीयों का चयन नहीं हुआ है। इस तरह की गोशालाओ का संचालन करने वाले गौशाला की आड़ में डेयरी का संचालन कर रहे हैं क्योंकि इस तरह की गौशाला बेसहारा गौवंश को लेने से स्पष्ट मना कर देते है, जो उन भामाशाहों की भावनाओं का अपमान है कि जिस भावना से गौवंश को लेकर भरपूर अनुदान देते रहे हैं। कई संचालक तो भामाशाहों को अंधेरे में रखकर नये शेड का निर्माण दिखाकर आर्थिक सहयोग ले लेते हैं लेकिन पुराने बने शेड का रंग रोगन कर उस भामाशाह के नाम का पत्थर लगा देते हैं। गौशालायें बेसहारा गौवंश के लिए आसियाना के रूप में जाना जाता है लेकिन जिले में अनगिनत बेसहारा सड़को पर घूम रहा गौवंश इस बात का गवाह है कि बेसहारा गौवंश के लिए इन गौशालाओ में कोई स्थान नहीं है। अब सवाल उठता है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया है, क्या ऐसी संवेदनशीलता बेसहारा गौवंश के लिये दिखायेगा।

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