जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): पारिवारिक न्यायालय जयपुर में प्रार्थी पति द्वारा विवाह विच्छेद हेतु धारा 13 ए हिंदू विवाद अधिनियम के तहत याचिका पेश की गई थी, जिस पर पत्नी की ओर से न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कहा गया कि प्रार्थीगण अनुसूचित जनजाति/मीणा समाज से आते हैं और उन पर हिंदू विवाह अधिनियम लागू नहीं होता है। जिसके जवाब में प्रार्थी पति द्वारा कहा गया कि उनका विवाह हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार हुआ था, इसलिए उनके ऊपर हिंदू विवाह अधिनियम लागू होता है।
पारिवारिक विवाद मामलों के अधिवक्ता सुनील शर्मा और गौरव सिंघल ने बताया कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 2 की उपधारा एक के अनुसार अनुसूचित जनजाति पर हिंदू विवाह अधिनियम लागू नहीं होता है। पारिवारिक न्यायालय क्रमांक दो जयपुर की जज तसनीम खान द्वारा अपने आदेश में कहा गया कि दोनों पक्षकार अनुसूचित जनजाति के सदस्य हैं, इस कारण यह प्रकरण धारा 2 (2) हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पोषणीय नहीं होने के कारण खारिज की जाती है।