झारखण्ड सरकार के लिए हालात ने अचानक नया मोड़ ले लिया, जब यूपीएससी ने राज्य के कार्यवाहक डीजीपी अनुराग गुप्ता पर असहमति जताते हुए महत्वपूर्ण विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक को टाल दिया। इस घटनाक्रम ने राज्य के प्रशासन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है और सरकार को असहज स्थिति में ला खड़ा किया है। डीपीसी, जो राज्य पुलिस सेवा अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) कैडर में पदोन्नति देने के लिए ज़िम्मेदार है, में मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी शामिल होते हैं। यह बैठक नौ रिक्त पदों पर पदोन्नति पर विचार करने के लिए तय थी, लेकिन यूपीएससी ने गुप्ता को समिति का सदस्य मानने से इनकार कर दिया और बैठक टाल दी गई। सूत्रों का कहना है कि बैठक से एक दिन पहले ही यूपीएससी ने राज्य सरकार को अपने निर्णय की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि वह गुप्ता की मौजूदगी स्वीकार नहीं करेगा। इसके बावजूद मुख्य सचिव अल्का तिवारी और गृह सचिव वंदना डाडेल ने यह तर्क देने की कोशिश की कि गुप्ता की नियुक्ति राज्य सरकार का फैसला है लेकिन बैठक टलने से साफ है कि यूपीएससी अपने रुख पर अडिग रहा। इस घटनाक्रम ने न केवल पदोन्नति की प्रक्रिया रोक दी, बल्कि राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी के चयन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बैठक की नई तारीख अभी तय नहीं हुई है, जिससे पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे अधिकारियों और राज्य प्रशासन में अनिश्चितता बनी हुई है। यूपीएससी के इस निर्णय का अन्य राज्यो के अधिकारियों की पदोन्नति पर दूरगामी असर पड़ने की सम्भावनाओ से इनकार नही किया जा सकता है ।
यूपीएससी ने कार्यवाहक डीजीपी गुप्ता को मान्यता देने से किया इनकार
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August 14, 2025
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