जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): भारतीय जनता पार्टी जयपुर शहर की ओर से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस संगोष्ठी बिडला आडिटोरियम में आयोजित की गई। संगोष्ठी को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने विभाजन को दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी बताते हुए कहा कि आजादी से ठीक पहले 10 लाख लोगों की हत्या हुई, लाखों परिवार उजड़ गए। देश की आजादी के लिए महान पुरुषों ने खुद को समर्पित किया लेकिन सत्ता का लालच और तुष्टिकरण की राजनीति ने देश को बांट दिया। जिन लोगों ने हमेशा स्वार्थ की राजनीति की, लालच की राजनीति की उन लोगों के कारण हमारे देश के हिन्दुओं को विभाजन का दंश झेलना पड़ा। "पाकिस्तान से जो ट्रेनें आती थीं, वे लाशों से भरी होती थीं। यह विभाजन की भयावहता को दर्शाया है। उन्होंने कहा कि यह केवल भूतकाल की पीड़ा नहीं है, बल्कि आज भी पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के साथ अन्याय हो रहा है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान से विस्थापित होकर आने वालों को नागरिकता देने का दायित्व जिनकी सरकारों पर था, वे असफल रहीं। नागरिकता देना तो दूर इन सत्ता के लालचियों ने बिल बनाकर उनकी संपत्ति का कोई मुआवजा तक देने से इनकार कर दिया। जिस कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए लाखों लोगों की कुर्बानी कर दी थी, आज वहीं कांग्रेस हमें एकता का पाठ पढ़ा रही है। जिस कांग्रेस ने इस देश का बांटा, वो कभी देश संभाल नहीं सकती, जिसने इस देश को तोड़ा वो लोगों को कभी जोड़ नहीं सकती। ऐसे आस्तिन के सांपों को मुंह उठाने से पहले ही कुचल देना चाहिए। आजादी के कई दशकों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने यह जिम्मेदारी निभाई है और पीड़ितों को नागरिकता देने की प्रक्रिया को पूरा किया। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने विभाजन के समय लाखों शरणार्थियों की सेवा की। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम के प्रदेश संयोजक अशोक परनामी ने कहा कि 1947 में देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से भारत आए लोगों ने जो कष्ट झेले, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना, बेटियों के साथ अन्याय और अत्याचार करना, विस्थापितों की पीड़ा सुनकर आज भी रूह कांप जाती है। परनामी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम को पास करवा कर पीड़ितों को न्याय दिलाने का कार्य किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह दिवस राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि इतिहास की सच्चाई को जन-जन तक पहुंचाने और उस त्रासदी से सीख लेने के लिए मनाया जा रहा है। परनामी ने विभाजन के लिए कांग्रेस और गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह "मजबूरी" नहीं बल्कि सत्ता का लोभ और कांग्रेस की मंजूरी का परिणाम था। यदि सत्ता सरदार वल्लभ भाई पटेल के हाथों में होती, तो देश का विभाजन टल सकता था। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं को संपत्ति मुआवजा न देने का भी आरोप लगाया। परनामी ने कहा कि “पाक से आने वाला प्रत्येक हिन्दू शरणार्थी नहीं, पुरुषार्थी है। उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया कि जिन्होंने विभाजन की पीड़ा को इतिहास के काले पन्नों से निकाल कर देश के सामने रखने के लिए 15 अगस्त से एक दिन पहले 14 अगस्त को देशभर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का ऐतिहासिक फैसला लिया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, डॉ.प्रेमचंद बैरवा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वित्त आयोग के अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सरकार के मंत्री जवाहर सिंह बेढम, जोगाराम पटेल, गौतम दक, केके विश्नोई, विधायक कैलाश वर्मा, गोपाल शर्मा, बाल मुकुंदाचार्य महाराज, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, नाहर सिंह जोधा, सरदार अजयपाल सिंह, भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगडी, प्रदेश मंत्री एवं कार्यक्रम प्रदेश सह संयोजक भूपेंद्र सैनी, प्रदेश मंत्री वासुदेव चावला, अजीत मांडण, स्टेफी चौहान, मिथलेश गौतम, भाजपा प्रदेश कार्यालय प्रभारी मुकेश पारीक, पूर्व कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, भाजपा जयपुर शहर जिलाध्यक्ष अमित गोयल, मेयर डॉ.सौम्या गुर्जर, कुसुम यादव, जयपुर शहर कार्यक्रम संयोजक राजेश ताम्बी, सह प्रभारी जयपुर शहर नरेश बंसल और भाजपा प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित रहे। मंच संचालन पूर्व विधायक एवं कार्यक्रम प्रदेश सह संयोजक रामलाल शर्मा ने किया।