अपने भक्तों के वचन को सत्य करने के लिए भगवान करते है अवतार धारण: तिवाड़ी

AYUSH ANTIMA
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झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): भगवान के अवतार धारण करने के अनेक हेतु होते है, इनमे सबसे प्रमुख है धर्म की स्थापना। जब जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है, भगवान स्वयं अवतार लेकर पृथ्वी पर पुनः धर्म की स्थापना करते है। उक्त कथन वाणी भूषण प्रभुशरण तिवाड़ी ने इंडाली के श्रीबूडला बालाजी मंदिर मे चल रहीं श्रीराम कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ से अपने प्रवचन मे कहे। तिवाड़ी ने बताया की अपने द्वारा तथा अपने भक्तों के वचन को सत्य करने के लिए भी भगवान अवतार धारण करते है। कथा मे भगवान के अवतार की विशद व्याख्या की गयी। भक्तों द्वारा भगवान का जन्मोत्सव उत्साह पूर्वक मनाया गया। कथा मे भगवान राम लखन की सुंदर सजीव झांकी प्रस्तुत की गयी। कथा मे पंडित सियाराम शास्त्री के आचार्यत्व में यजमान जयराम शर्मा को सपत्निक पोथी व व्यास पूजन करवाया गया। कथा के दौरान सुमधुर कर्णप्रिय संगीत ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इस अवसर पर पुजारी सुनील शर्मा, रामकुमार मीणा, बजरंग सिंह शेखावत, राजेश देग, पंडित राम रतन शर्मा, मनीष शर्मा, राजेंद्र शर्मा, मूंगाराम, गुलझारी लाल, ताराचंद स्वामी, माधोसिंह राजपूत, मोहन लाल शर्मा, बन्ने सिंह राजपूत, रमेश शर्मा, महावीर प्रसाद, मोहन लाल, गोकुल प्रसाद, गणेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालू महिला - पुरुष मौजूद रहे।

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