झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी अमर शहीद कुंवर प्रताप सिंह बारहठ की जयंती के अवसर पर शनिवार को श्री शार्दूल छात्रावास, झुंझुनूं में एक समारोह आयोजित किया गया। समारोह में समाज के सैकड़ों युवाओं एवं प्रबुद्ध नागरिकों ने भाग लिया और इस महान बलिदानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता यशवर्धन सिंह शेखावत ने कहा कि कुंवर प्रताप सिंह बारहठ केवल राजस्थान ही नहीं, पूरे भारत के युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं। उनकी देशभक्ति, साहस और बलिदान की गाथा आने वाली पीढ़ियों को जागरूक करती रहेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता अंगद देव सिंह मंडावा ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि डॉ.उम्मेद सिंह रहे। मुख्य वक्ता प्रधानाचार्य सहदेव सिंह पालावत (बिरमी) ने बारहठ परिवार की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे यह परिवार क्रांति की ज्वाला का वाहक बना। युवा नेता रविन्द्र सिंह तोलियासर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर मदन सिंह बारहठ, गोविन्द सिंह बारहठ (लाठीपुरा), शंकर सिंह लावण्डा, बजरंग सिंह ख्याली, महेश सिंह कविया (इरण्या की ढाणी), कुलदीप सिंह कविया, एडवोकेट जयदेव सिंह, एडवोकेट विजेंद्र सिंह, आदित्य सिंह बारहठ, सवाई सिंह किशनावत, जगदीश सिंह कविया, जयदेव सिंह रत्नू, राजेन्द्र सिंह भाटी, सुभाष सिंह शेखावत, विरेन्द्र सिंह तोलियासर, विशेष सिंह किशनावत, प्रताप सिंह, अशोक सिंह दुलचास एवं भवानी सिंह बिरमी सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने विचार व्यक्त किए।
मंच संचालन रामसिंह बारहठ एवं महेश सिंह कविया ने किया।
समारोह में वक्ताओं ने मांग की कि स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले वीर सपूतों की गाथा को स्कूली पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किया जाए, जिससे युवा पीढ़ी सही नायकों से प्रेरणा ले सके।